प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के कामकाज पर जमकर निशाना साधा

नई दिल्ली।   चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से बर्खास्त होने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार के कामकाज पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने पहले तो नीतीश को पिता तुल्य बताया और फिर तुरंत बाद ही पिछलग्गू, हारे हुए नेता जैसे शब्दों से कई सियासी प्रहार किए। पीके ने बीजेपी-जेडीयू गठबंधन पर भी सवाल उठाए और कहा कि गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते।




जेडीयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने नीति आयोग की ओर से निर्धारित डिवेलपमेंट इंडेक्स के हवाले से बिहार को फिसड्डी करार दिया और कहा कि नीतीश ने 15 वर्षों में विकास तो किया, लेकिन उनके विकास कार्य लोगों के जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन लाने वाले नहीं रहे। विकास की रफ्तार और आयाम ऐसे नहीं रहे हैं, जिससे राज्य की स्थिति बदली हो। पीके ने साफ किया कि वह कोई राजनीतिक दल नहीं बनाएंगे। गुरुवार से 'बात बिहार की' नाम से कैंपेन शुरू करने का ऐलान किया। इस यात्रा के दौरान अगले 100 दिन तक एक करोड़ से अधिक ऐसे युवाओं से मिलेंगे जो नए नेतृत्व पर यकीन रखते हैं।